Govind Damodar Strotram – गोविन्द दामोदर स्तोत्रम

श्री बिल्वमंगल ठाकुर द्वारा रचित यह स्तोत्र भगवान श्रीकृष्ण के बालस्वरूप की मनोहारी छवि का वर्णन करता है। इसे भक्तों के हृदय में ईश्वर के सगुण रूप के ध्यान को सरल, सजीव और साकार बनाने के उद्देश्य से रचा गया है। इसमें उस अनुपम दृश्य का चित्रण है जब भगवान श्रीकृष्ण बालरूप में वटपत्र पर
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Kab hun mile piya mora – गोबिंद कबहुं मिलै पिया मेरा – मीरा बाई

यह पद भक्त शिरोमणि मीरा बाई की अनुपम भक्ति और उनके प्रभु श्रीकृष्ण के प्रति गहन प्रेम का अद्भुत उदाहरण है। इस पद में मीरा बाई ने अपनी आत्मा की उस वेदना को व्यक्त किया है, जो प्रियतम (श्रीकृष्ण) से मिलने की उत्कंठा में तड़प रही है। यह पद भगवान से अनन्य प्रेम, भक्ति और
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Geet Govindam – गीत गोविन्द (गीतगोविंदम्)

परिचय गीत गोविंद एक संस्कृत महाकाव्य है, जिसे 12वीं शताब्दी के प्रसिद्ध कवि जयदेव ने रचा था। यह काव्य मुख्यतः भगवान श्रीकृष्ण और राधा के दिव्य प्रेम को समर्पित है। इस महाकाव्य में राधा-कृष्ण के प्रेम का वर्णन अत्यंत कोमल, भावपूर्ण और भक्ति से ओतप्रोत शैली में किया गया है। जयदेव, ओडिशा के रहने वाले
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Sri Ganesh Dhyan Mantra – श्री गणेश ध्यान मंत्र

इन स्तुतियों में भगवान गणेश की महिमा, उनके गुणों और शक्ति का वर्णन किया गया है। इनका नियमित पाठ समस्त विघ्नों को दूर कर जीवन को शुभ और मंगलमय बनाता है। वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥  गजाननं भूतगणादिसेवितं ।कपित्थ जम्बू फलचारु भक्षणम्।।  उमासुतं शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वर पादपङ्कजम्॥  अगजानन पद्मार्कं गजानन महर्निशम्। अनेकदंतं भक्तानां
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