Kab hun mile piya mora – गोबिंद कबहुं मिलै पिया मेरा – मीरा बाई
यह पद भक्त शिरोमणि मीरा बाई की अनुपम भक्ति और उनके प्रभु श्रीकृष्ण के प्रति गहन प्रेम का अद्भुत उदाहरण है। इस पद में मीरा बाई ने अपनी आत्मा की उस वेदना को व्यक्त किया है, जो प्रियतम (श्रीकृष्ण) से मिलने की उत्कंठा में तड़प रही है। यह पद भगवान से अनन्य प्रेम, भक्ति और